बरसात मे खेती करने के लिए हम सभी जानते हैं की जैसे ही बरसात का मौसम आता है तो वातावरण भी हरा भर रहता है और काफी लोग तरह तरह की खेती करते हैं कुछ लोग अपने घरों मे ही छोटी सी जगह पर तरह तरह के फल , फूल एवं सब्जियां भी उगाते हैं , इसी बात को ध्यान मे रखते हुए हम आज आप सभी को तरह तरह की सब्जियों की खेती के बारे मे बटन चाहते हैं जो आप अपने खेतों एवं अपने घरों की छोटी जगह पर भी उगा सकते हैं।
बरसात मे खेती करें इन सब्जियों की
हमारे भारत देश मे प्रति वर्ष तरह तरह की सब्जियों का उत्पादन किया जाता है, हालांकि इन सब्जियों मे कुछ सब्जियां पूरे वर्ष उगाई जाती हैं तो कुछ सब्जियां सिर्फ बारिश के मौसम मे अधिकांश उगाई जाती हैं। आज हम आपको बताएंगे बरसात मे खेती करने के लिए आखिर कौन सी सब्जियां सबसे उत्तम होंगी, जो आपको मुनाफा भी काफी जायद देने वाली हैं और इन्हे खाने से सेहत भी मजबूत होगी।
- फूलगोभी की खेती
- करेला की खेती जो आप अपने घर पर भी कर सकते हैं
- लौकी जो आप घर पर कर सकते हैं
- पालक
- खीरा
- भिंडी
- प्याज
- बैंगन
- मिर्च
- मूली
- तुरई
इन सभी सब्जियों की खेती बरसात मे आप लोग कर सकते हैं ओर यदि आप बड़े पैमाने पर इन सब्जियों की खेती किसी कारण से नहीं कर सकते तो हमारे विशेषज्ञों की आप सभी लोगों को यही सलाह है की घर मे घर के प्रयोग के लिए इन सब्जियों मे से चुनिंदा सब्जियों को अपने घर के प्रयोग के लिए जरूर लगाएं।
क्योंकि इस बात का ज्ञान हम सभी को हैं की आज कल जिस तरह की दूषित सब्जियां, और फल आज कल मिलते हैं उन्हे कितना प्रदूषित किया जाता है जिनमे जरूरत से जायद दबाइयों का प्रयोग होता है ओर उनकी साफ सफाई का भी ध्यान नहीं रखा जाता , इसलिए हमारे कृषि वैज्ञानिकों का कहना है आप सभी लोग इन सब्जियों को बरसात के मौसम अपने घर के उपयोग के लिए जरूर लगाएं।
बारिश के मौसम मे सब्जियों की खेती करने से पहले रखें इन बातों का विशेष ध्यान
- यदि आप अपने घर मे या छोटे खेतों मे सब्जियों को उगाने का विचार कर रहे हैं तो सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें की पौधों की जड़ों मे मिट्टी जेदा होनी चाहिए क्योंकि बारिश की वजह से पौधों की जड़ से मिट्टी हट जाती है।
- भारत मे लगभग 4 महीने बरसात का मौसम होता है जून से लेकर सितंबर तक बरसात के पानी की वजह से 3 गुना मिट्टी पूरी तरह नरम और उपजाऊ हो जाती है जिससे हमे कम से कम टॉनिक ओर कीटनाशक का प्रयोग करना पढ़ता है।
- हमारे कृषि वैज्ञानिकों का कहना है आप बरसात मे खेती करने के दौरान उन्ही सब्जियों का चयन करें जिनकी देखभाल आप अच्छे से कर पाएं।
- कुछ सब्जियों को उगाने के लिए आपको विशेष रूप से ध्यान रखना पड़ेगा तो कई सब्जियां ऐसी हैं जिन्हे आप अपना जायदा समय न देने के साथ साथ टॉनिक जैसी दवाइयों का प्रयोग कम से कम करेंगे तब भी अपने आप को वातावरण के अनुकूल पौधे स्वंम को मजबूत करके सब्जियां प्रदान करने लगते हैं।
बरसात के मौसम के जाने सब्जियों की खेती करने का सही तरीका
सब्जियां जैसे:- लौकी, कद्दू, करेला, तुरई, खीरा आदि।
इन सब्जियों को उगाने के लिए आपको जायद जगह ओर मिट्टी की जरूरत नहीं होगी क्यूंकी इनका पौधा फसलों जैसा या भिंडी , बैंगन जैसा 2-4 फुट का नहीं होता बल्कि इनकी बेल होती है जो बहुत ही कम समय मे अपने आप को बड़ा करती जाती है जिसे भारत मे अक्सर लोग अपने घरों मे उगाते हैं ओर बेल का बड़ा होते ही बेल को छत पर या बांधकर लटका देते हैं इससे घर मे भी जायद जगह की आवश्यकता नहीं होती है।
इन सब्जियों की खेती करने के लिए आपको सबसे पहले कुछ बीज के दाने या पौधा लगा लेने हैं और यदि संभव हो तो जैविक खाद का उपयोग भी किया जाए इससे पौधा जल्दी ही बढ़ने लगेगा, यदि कुछ समय तक बरसात न हो तो पानी देने का भी विशेष रूप से ध्यान रखें।
जब पौधा पूर्ण रूप से बड़ा हो जाए और फूल आना प्रारंभ हो जाए तो एक बार कीटनाशक जैसे धानुका फैक्स (Fipronil 5%SC), सिजेंटा (Syngenta) और टॉनिक जैसे एमीनो ग्रीन, (क्रॉप टॉनिक 21) का भी प्रयोग करना चाहिए, जो आपकी सब्जियों के पौधे की लंबाई को बढ़ाने के साथ साथ फूल और फलों का गिरना भी कम करते हैं, और सब्जियों की गुणवत्ता को भी बढ़ाने मे मदद करते हैं।
सब्जियां जैसे :- प्याज, मूली, प्याज, भिंडी, बैंगन, हरी मिर्च, गाजर, आलू, टमाटर आदि।
बरसात के मौसम मे इन सब्जियों की खेती भी की जाती है, इन सब्जियों की खेती अधिकांश बड़े पैमाने पर की जाती है इसके लिए पहले आपको अपने खेत की मिट्टी का स्तर ट्रैक्टर आदि की सहायता से बराबर करना होगा, उसके बाद बरसात के पानी से खेत की सिंचाई हो जाएगी और समय मिलते ही इन सब्जियों के बीज की बुआई कर देनी चाहिए।
जब पौधे थोड़े बड़े हो जाएँ 0.5 – 1 फुट तब इन सब्जियों की फसल मे पानी लगना अति आवश्यक है जो कमी के बरसात के पानी से पूरी हो जाएगी उसके उपरांत आपको अच्छे कीटनाशक और टॉनिक का प्रयोग करना चाहिए। जो आपकी फसल को जल्दी बढ़ने , कीट लगने, साथ ही उत्पादन बढ़ाने मे मदद करते हैं।
इसके बाद सब्जियों को फिर से पानी की आवश्यकता होगी जो बरसात के पानी से पूरी होगी उसके बाद आपकी हरी भारी सब्जियां पूर्ण रूप से तैयार हैं।
इसके अलावा जो सब्जियां जैसे प्याज, आलू, मूली, गाजर जो जमीन के अंदर बढ़ती हैं एवं पकती हैं जिन्हे पकने के बाद खोदकर (निंदाई) करके बाहर निकाला जाता है। जब ऊपर की पत्तियां सूखने लगें तो समझ जाना चाहिए की हमारी हरी भरी सब्जियां पूर्ण रूप से पाक चुकीं हैं, अब इनकी निंदाई कर खोदकर बाहर निकालकर इनकी पत्तियों को सब्जियों से अलग कर लेना चाहिए।
बरसात मे सब्जियों की खेती क्यूँ, कैसे और कब करें यदि हमारी सम्पूर्ण जानकारी आपको सही लगे तो बने रहिए हमारे साथ हमारे कृषि वैज्ञानिक हमेशा आपकी मदद करने के लिए तैयार रहेंगे।