सोयाबीन की खेती ऐसे करें , इन 5 तरीकों से अच्छे उत्पादन के लिए , जाने यहाँ ? - Agri Gyan Hub

सोयाबीन की खेती ऐसे करें , इन 5 तरीकों से अच्छे उत्पादन के लिए , जाने यहाँ ?

सोयाबीन की खेती कब , कैसे और सोयाबीन की खेती करने के लिए क्या सबधानियाँ हमे रखनी चाहिए जिससे हम सोयाबीन का उत्पादन बढ़ा सकें , आइए तो जानते हैं इन सभी सवालों के जवाव यहाँ।

भारत की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा भाग सिर्फ खेती ओर हमारे देश के किसानों पर निर्भर है, और आज हम ऐसे ही किसानों के लिए उत्तम जानकारी लाए हैं जो हमेशा अपनी खेती के लिए नए नए प्रयोग करते हैं, और फसल का उत्पादन बढ़ते हैं, आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें सम्पूर्ण भारत मे सबसे जायद सोयाबीन की खेती मध्य प्रदेश मे की जाती है।

सोयाबीन की खेती करने का सही समय एवं अधिक उत्पादन के लिए उत्तम जानकारी जाने यहाँ

 

सोयाबीन की खेती मुख्य रूप से बरसात के प्रारंभ जून के अंतिम एवं जुलाई के प्रारंभ मे की जाती है, जब बर्षा लगभग 4 से 5 इंच तक हो जाती है, खेतों मे पानी की कमी समाप्त हो जाती है तब सोयाबीन की बुआई की जाती है, सोयाबीन की बुआई करने से पहले हमे अपने खेतों मे अच्छी तरह से कल्टवेटर का भी प्रयोग करना चाहिए जिससे खेत की मिट्टी के छोटे छोटे टुकड़े हो सकें और बारिश का पानी अच्छी तरह से जमीन के अंदर तक जा सके और खेत अच्छी तरह से नरम हो सके।

सोयाबीन की बुआई करने से पहले खेत मे उपयोगिता के हिसाब से गोबर के खाद या फिर बाजार मे उपलब्ध जैविक खाद का प्रयोग जरूर करें, और फिर एक बार ओर बर्षा होने के बाद कल्टवेटर या अन्य यंत्र का उपयोग कर खेत की मिट्टी को फिर से समतल कर लें इससे खेत के लिए उपयोगी तत्व जो खाद मे मौजूद थे वह खेत मे अच्छी तरह से मिल भी जाएंगे और खेत की मिट्टी भी नरम हो जाएगी।

सोयाबीन की उन्नत किस्मों की जानकारी

भारत के मध्य छेत्र मे मुख्य रूप से पाई जाने वाली किस्में।

बीज उपचार एवं बुआई का तरीका

सभी किसान भाइयों को सही बीज का चुनाव कर अपने बीज को उपचारित जरूर करना चाहिए जिसके लिए आपको हमेशा थिरम या कार्बोनदाजीम से ही उपचार कर चाहिए, उपचार के बाद बुआई के समय विशेष रूप से ध्यान रखें कतार से कतार की दूरी 30 से 35 सेन्टमीटर और बीज की गहराई 4-5 सेन्टमीटर होना ही सही माना गया है।

सोयाबीन की बुआई करते समय इस बात का भी ध्यान रखें की प्रति हेक्टर 85-90 kg से अधिक बीज नहीं बोना चाहिए इससे पौधे जायदा पास – पास मे होने की वजह से हवा ओर धूप पौधे तक कम पहुँच पाती है जिसकी वजह फूलों की संख्या कम हो जाती है और उत्पादन मे भी कमी देखी गई है।

खाद एवं सही किस्म का चुनाव कैसे करें

सोयाबीन की खेती मे खाद का उपयोग कितना होना चाहिए , माना जाता है की किसी भी तरह की खेती करने के लिए यूरिया का उपयोग कम से कम होना ही सबसे जायद उत्तम माना गया है क्योंकि इसमे मौजूद जहरीले तत्व आपके खेत की मिट्टी के गुड़कारी ओर फायदेमंद जीवों को नष्ट कर देते हैं जैसे – केंचुआ , मेडक और भी छोटे छोटे जीवों को जो आपके खेत की मिट्टी को नरम करके मिट्टी को उपजाऊ बनाने मे मदद करते हैं।

यदि सोयाबीन की खेती मे यूरिया की बात की जाए तो आपको 65-70 kg/ हेक्टर से जायद यूरिया नहीं देना चाहिए इसी के साथ 420-540 kg/हेक्टर सुपर फास्फैट का चुनाव कृषि वैज्ञानिकों द्वारा सही बताया गया है।

सोयाबीन की सबसे उत्तम किस्में कौन सी हैं?

भारत के मध्य छेत्र मे कृषि वैज्ञानिकों एवं सफल किसानों द्वारा कुछ किस्मों को अधिक प्राथमिकता दी गई है, आइए तो जानते हैं उन किस्मों के बारे मे

     

      • पूसा 20 (डी. एस. 74-20)

      • एन. आर. सी – 7 जिसे (अहिल्या -3) के नाम से भी जाना जाता है।

      • एम. ए. सी. एस – 134

      • पी. के. – 1042

      • पी. के. 416

      • NRC 37

    इन किस्मों के अलावा कृषि वैज्ञानिकों द्वारा MACS-1407 की खोज की है, कुछ सफल किसानों का भी कहना है की इस किस्म मे कोई भी कीटनाशक नहीं होते हैं जैसे – इल्ली , स्टीम फ्लाइ , व्हाइट फ्लाइ , लीफ माइनर इस तरह के कीट इस किस्म मे नहीं होते हैं।

    इस किस्म का उत्पादन भी अन्य किस्मों से काफी जायद होना सफल किसानों द्वारा दर्शाया गया है। इस किस्म का ताना भी काफी मोटा होता है और सोयाबीन का दाना भी बड़ा होता है जिसकी वजह से अन्य किस्मों की अपेक्षा इस किस्म मे वजन जायद होता है। सोयाबीन की इस किस्म MACS- 1407 को झारखंड, असम, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों मे इस किस्म को काफी सफल माना गया है।

    किसानों के हित मे सभी प्रकार की खेती से संबंधित जानकारी के लिए हमारी वेबसाईट agrigyanhub.com पर बने रहिए हमारे कृषि वैज्ञानिकों के साथ।

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